MP Govt Jobs 2025: मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सरकारी पदों पर भर्ती और पदोन्नति की प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले से प्रदेश में लाखों युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, साथ ही वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी।
पदोन्नति नीति में बड़ा बदलाव, साल में दो बार होगी डीपीसी
मोहन सरकार की कैबिनेट ने ‘मप्र लोकसेवा पदोन्नति नियम 2025’ को मंजूरी दे दी है। इस नई नीति के तहत अब हर साल दो बार विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक आयोजित की जाएगी – पहली जून-जुलाई में और दूसरी सितंबर-अक्टूबर में। इस फैसले से करीब 4.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा, जिन्हें पिछले 9 सालों से पदोन्नति नहीं मिल रही थी।
पदोन्नति से खाली होंगे 2 लाख पद, युवाओं को मिलेगा सीधा फायदा
सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति मिलने से निचले स्तर के करीब 2 लाख पद खाली हो जाएंगे। सरकार ने साफ किया है कि इन पदों पर अगले चार वर्षों में युवाओं की सीधी भर्ती की जाएगी। यानी 2 लाख बेरोजगारों के लिए सरकारी नौकरी का रास्ता खुलेगा, जो प्रदेश के युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका है। इस भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
ये भी पढ़े:- जमा करे ₹55 महीने, मिलेंगे ₹3000 हर महीने
459 नई आंगनबाड़ी केंद्र, हजारों पद सृजित
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक और अहम फैसला लिया गया – प्रदेश में 459 नए आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और सुपरवाइजर जैसे पदों का सृजन भी किया जाएगा। साथ ही पांढुर्ना, मैहर और मऊगंज जैसे नए जिलों में जिला कोषालय कार्यालय खोलने को भी मंजूरी दी गई है, जहां नई भर्तियां की जाएंगी।
बिजली कंपनियों के विकास के लिए 5163 करोड़ की स्वीकृति
कैबिनेट ने प्रदेश की बिजली कंपनियों के अधोसंरचना विकास के लिए 5163 करोड़ रुपये के बजट को भी मंजूरी दी है। इसका मकसद बिजली सेवाओं को और बेहतर बनाना है, जिससे आम जनता को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सके और राज्य का औद्योगिक विकास भी तेजी से हो सके।
पदोन्नति में आरक्षण को लेकर स्थिति यथावत
पदोन्नति में आरक्षण को लेकर पिछले 9 वर्षों से चला आ रहा विवाद भी इस नई नीति में यथावत रखा गया है। मोहन सरकार ने तय किया है कि अनुसूचित जाति (SC) वर्ग को 16% और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग को 20% आरक्षण पहले की तरह पदोन्नति में मिलेगा। पहले आरक्षित वर्गों की पदोन्नति होगी और फिर अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों को मेरिट के आधार पर मौका दिया जाएगा। इससे उन सभी कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जो लंबे समय से इस विषय पर असमंजस की स्थिति में थे।
युवाओं के लिए बेहतर भविष्य की उम्मीद
सरकार के इस फैसले से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि आने वाले वर्षों में सरकारी नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। खासकर वे युवा जो लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए यह फैसला उम्मीद की एक नई किरण लेकर आया है। अब यह देखना होगा कि सरकार इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया कब और किस चरण में शुरू करती है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार का यह फैसला सरकारी व्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करेगा। इससे न केवल कर्मचारियों को उनका हक मिलेगा, बल्कि युवाओं को भी सरकारी सेवा में शामिल होने का मौका मिलेगा। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता बनी रही तो यह फैसला मील का पत्थर साबित हो सकता है। युवाओं को सलाह है कि वे अपनी तैयारी तेज कर दें, क्योंकि आने वाले समय में नौकरी पाने के बेहतरीन मौके मिल सकते हैं।