PMSYM Yojana: देशभर में करोड़ों ऐसे मजदूर और श्रमिक हैं जो दिन-भर की मेहनत से अपने परिवार का पेट पालते हैं लेकिन उनके पास भविष्य की सुरक्षा के लिए कोई मजबूत सहारा नहीं होता। खासकर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग जैसे – रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, प्लंबर, दर्जी, घरेलू कामगार आदि – जिनके पास न पीएफ होता है न कोई पेंशन योजना। ऐसे ही लोगों के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद है – श्रमिकों को बुढ़ापे में आर्थिक सहारा देना और उन्हें एक सम्मानजनक जीवन की सुविधा देना। तो आईये इस योजना के बारे में विस्तार से जानते है।
क्या है PMSYM योजना का फायदा?
अगर आप इस योजना से जुड़ते हैं तो 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद आपको हर महीने ₹3000 की पेंशन मिलेगी। खास बात ये है कि इस स्कीम में जितनी राशि आप हर महीने जमा करेंगे उतनी ही राशि सरकार भी आपके खाते में जमा करेगी। इस तरह एक सुरक्षित और डबल योगदान वाला पेंशन फंड तैयार होता है।
कौन-कौन ले सकता है योजना का लाभ?
इस योजना में देश के असंगठित क्षेत्र के वे सभी लोग शामिल हो सकते हैं जिनकी मासिक आमदनी ₹15,000 से कम है। कुछ प्रमुख वर्ग इस प्रकार हैं।
- घरेलू कामगार
- रेहड़ी या ठेला लगाने वाले
- ऑटो/रिक्शा चालक
- दर्जी, प्लंबर, मिस्त्री
- मिड-डे मील वर्कर
- निर्माण कार्य में लगे मजदूर
- बीड़ी बनाने वाले, कृषि मजदूर, मोची, धोबी आदि
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इस योजना की जरूरी शर्तें क्या हैं?
- आयु सीमा: 18 से 40 वर्ष के बीच होना चाहिए।
- बैंक खाता: सेविंग अकाउंट या जनधन अकाउंट होना चाहिए, जिसमें आधार लिंक हो।
- कोई अन्य पेंशन स्कीम का लाभार्थी न हों जैसे EPFO, ESIC या NPS आदि।
- इनकम टैक्स दाता नहीं होना चाहिए।
हर उम्र के लिए है अलग योगदान
इस स्कीम में हर उम्र के अनुसार हर महीने जमा करने वाली राशि अलग-अलग तय की गई है।
- 18 साल वालों को ₹55 प्रतिमाह देना होगा।
- 25 साल वालों को ₹80 प्रति माह।
- 30 साल के लिए ₹105
- और 40 साल वालों को ₹200 हर महीने जमा करना होगा।
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मंथली कॉन्ट्रिब्यूशन भी बढ़ता है क्योंकि निवेश का समय कम हो जाता है।
सरकार भी देगी आपको बराबर की रकम
जो राशि आप हर महीने जमा करते हैं, उतनी ही राशि सरकार भी आपके खाते में डालती है। मतलब अगर आपने ₹100 जमा किया तो सरकार भी ₹100 जोड़ेगी। इससे पेंशन कोष तेजी से बनता है और बुढ़ापे में आर्थिक सहारा मिलता है।
अगर बीच में योजना छोड़नी पड़ी तो?
अगर कोई सदस्य योजना से 10 साल के भीतर बाहर निकलना चाहता है तो उसे अब तक का जमा किया गया योगदान और उस पर बचत खाते के बराबर ब्याज वापस मिलेगा। अगर कोई सदस्य 10 साल बाद लेकिन 60 साल की उम्र से पहले योजना छोड़ता है तो उसे उसके हिस्से का योगदान और उस पर मिलने वाला वास्तविक ब्याज मिलेगा।
मौत की स्थिति में क्या होगा?
अगर सदस्य की मृत्यु 60 साल से पहले हो जाती है, तो जीवनसाथी योजना को आगे चला सकता है, बस उसे नियमित कॉन्ट्रिब्यूशन करना होगा। अगर पेंशन पाने वाले की मृत्यु 60 साल के बाद होती है, तो उसके नामांकित व्यक्ति (नॉमिनी) को 50% पेंशन मिलती है।
PMSYM योजना में कैसे जुड़ें?
योजना का रजिस्ट्रेशन कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर किया जाता है। वहां आपको आधार कार्ड, बैंक खाता और मोबाइल नंबर देना होगा। शुरूआती किश्त जमा करने के बाद आपको श्रम योगी कार्ड जारी किया जाएगा। योजना से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए सरकार ने टोल फ्री नंबर 1800 267 6888 भी जारी किया है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना उन लाखों लोगों के लिए एक बहुत अच्छी योजना है जो आज तो मेहनत कर रहे हैं लेकिन उनके बुढ़ापे के लिए कोई सहारा नहीं है। महज ₹55 से शुरू होकर पेंशन की इस स्कीम से आप अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। अगर आप या आपके आसपास कोई असंगठित क्षेत्र का श्रमिक है तो इस योजना की जानकारी जरूर साझा करें और उन्हें इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें।